इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे,
हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना
दूर अज्ञान के हो अँधेरे
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे
हर बुराई से बचके रहें हम
जीतनी भी दे भली ज़िन्दगी दे
बैर हो ना किसी का किसी से
भावना मन में बदले की हो ना
इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे,
हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना
हम न सोचें हमें क्या मिला है
हम ये सोचें क्या किया है अर्पण
फूल खुशियों के बांटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाए मधुबन
ओ.. अपनी करुणा को जल तू बहा के
करदे पावन हर एक मन का कोना
इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे,
हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना
हम अँधेरे में हैं रौशनी दे
खो ना दे खुद हो ही दुश्मनी से
हम सज़ा पायें अपने किये की
मौत भी हो तो सह ले ख़ुशी से
कल जो गुज़ारा है फिरसे ना गुज़रे
आनेवाला वो कल ऐसा हो ना
इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे,
हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना
हर तरफ़ ज़ुल्म है बेबसी है
सहमा-सहमा सा हर आदमी है
पाप का बोझ बढ़ता ही जाए
जाने कैसे ये धरती थमी है
बोझ ममता का तू ये उठा ले
तेरी रचना का ये अंत हो ना
इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे,
हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना
हमको मन की शक्ति देना
मन विजय करें
दूसरों की जय से पहले
खुद को जय करें
हमको मन की शक्ति देना
मन विजय करें
दूसरों की जय से पहले
खुद को जय करें
हमको मन की शक्ति देना
भेदभाव
भेदभाव अपने दिल से
साफ़ कर सकें
(भेदभाव अपने दिल से
साफ़ कर सकें)
दोस्तों से भूल हो तो
माफ़ कर सकें
(दोस्तों से भूल हो तो
माफ़ कर सकें)
झूठ से बचे रहें
सच का दम भरें
(झूठ से बचे रहें
सच का दम भरें)
दूसरों की जय से पहले
खुद को जय करें
हमको मन की शक्ति देना
मन विजय करें
दूसरों की जय से पहले
खुद को जय करें
हमको मन की शक्ति देना
मुश्किलें पड़ें तो हम पे
इतना कर्म कर
(मुश्किलें पड़ें तो हम पे
इतना कर्म कर)
साथ दें तो धर्म का
चलें तो धर्म पर
(साथ दें तो धर्म का
चलें तो धर्म पर)
खुद पे हौसला रहे
बदी से ना डरें
(खुद पे हौसला रहे
बदी से ना डरें)
दूसरों की जय से पहले
खुद को जय करें
हमको मन की शक्ति देना
मन विजय करें
दूसरों की जय से पहले
खुद को जय करें
हमको मन की शक्ति देना
जन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य बिधाता।
पंजाब-सिन्धु-गुजरात-मराठा
द्राविड़-उत्कल-बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग,
तब शुभ नामे जागे,
तब शुभ आशिष मांगे,
गाहे तब जय-गाथा।
जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भाग्य बिधाता।
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे॥
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा।
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिस्ताँ हमारा॥
ग़ुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में।
समझो वहीं हमें भी, दिल हो जहाँ हमारा॥ सारे...
परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का।
वो संतरी हमारा, वो पासबाँ हमारा॥ सारे...
गोदी में खेलती हैं, उसकी हज़ारों नदियाँ।
गुलशन है जिनके दम से, रश्क-ए-जिनाँ हमारा॥ सारे....
ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वो दिन है याद तुझको।
उतरा तेरे किनारे, जब कारवाँ हमारा॥ सारे...
मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना।
हिन्दी हैं हम वतन हैं, हिन्दोस्ताँ हमारा॥ सारे...
यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रूमा, सब मिट गए जहाँ से।
अब तक मगर है बाक़ी, नाम-ओ-निशाँ हमारा॥ सारे...
कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी।
सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-ज़माँ हमारा॥ सारे...
'इक़बाल' कोई महरम, अपना नहीं जहाँ में।
मालूम क्या किसी को, दर्द-ए-निहाँ हमारा॥ सारे...
वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलाम्
मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्
मातरम्।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्॥ १॥
कोटि कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,
अबला केन मा एत बले।
बहुबलधारिणीं
नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं
मातरम्॥ २॥
तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वम् हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडी मन्दिरे-मन्दिरे॥ ३॥
त्वम् हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी,
नमामि त्वाम्
नमामि कमलाम्
अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलाम्
मातरम्॥४॥
वन्दे मातरम्
श्यामलाम् सरलाम्
सुस्मिताम् भूषिताम्
धरणीं भरणीं
मातरम्॥ ५॥
हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती
स्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती
'अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़- प्रतिज्ञ सोच लो,
प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!'
असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सी
सपूत मातृभूमि के- रुको न शूर साहसी!
अराति सैन्य सिंधु में, सुवाड़वाग्नि से जलो,
प्रवीर हो जयी बनो - बढ़े चलो, बढ़े चलो!
सब भारतवासी मेरे भाई और बहन हैं। मुझे अपना देश अपने प्राण से भी प्यारा है।
इसकी समृद्ध एवं विविध संस्कृति पर हमें गर्व है। मैं सदा इसके सुयोग्य अधिकारी बनने का प्रयत्न करता रहूंगा।
मैं अपने माता-पिता, शिक्षकों एवं गुरुजनों का सदा सम्मान करूंगा और प्रत्येक के साथ विनीत रहूंगा।
मैं अपने देश और देशवासियों के प्रति सत्यनिष्ठ रहने की प्रतिज्ञा करता हूँ।
उनके कल्याण एवं समृद्धि में ही मेरा सुख निहित है।
जय हिन्द!
O God
I am a little child
to you I always pray
forgive my sins and
keep me pure
throughout night and day-2
O God
grand that I may
do a good deed everyday
wipe a tear bring a smile
for this I always pray-2
India is my country
all Indians are my brothers and sisters.
I love my country,
and I am proud of its rich and varied heritage.
I shall always strive
to be worthy of it.
I shall respect my parents, teachers and all elders
and treat everyone with courtesy.
To my country and my people,
I pledge my devotion.
In their well being and prosperity alone, lies my happiness.
Jai Hind